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जालोर के युवराज वीरमदेव और फिरोजा की खूबसूरत सच्ची प्रेम कहानी

  अलाउद्दीन खिलजी की बेटी करती थी इस वीर राजकुमार से सच्ची मुहब्बत आज हम आपको एक ऐसे वीर राजकुमार और एक राजकुमारी की प्रेमकथा बताने जा रहे हैं तो राजस्थान में ही एक ऐसा योद्धा हुआ है, जिस पर अलाउद्दीन खिलजी की शहजादी मर मिटी थी। क्या यह प्रेम कहानी परवान चढ़ी या फिर इसका अंत हो गया इसे जानने के लिए पूरा पढ़े यह कहानी है जालौर के वीर राजपूत राजकुमार वीरमदेव की। वीरमदेव को मल्लयुद्ध में महारत हासिल थी और वह बहुत ही शूरवीर योद्धा था। उसकी प्रसिद्ध दूर दूर तक थी। मेवाड़ के पास ही जबालिपुर (वर्तमान जालौर) के सोनगरा चौहान शासक कान्हड़ देव का पुत्र वीरमदेव दिल्ली दरबार में रहता था। जब वह यहां रहता था तो अलाउद्दीन खिलजी की बेटी शहजादी फीरोजा को वीरम यानि वीरू से प्यार हो गया। वीरमदेव की शोहरत और व्यक्तित्व के बारे में सुनकर दिल्ली के तत्कालीन बादशाह अल्लाउद्दीन खिलजी की पुत्री शहजादी फिरोजा का दिल वीरम पर आ गया और शहजादी ने किसी भी कीमत पर उससे शादी करने की जिद पकड़ ली और कहने लगी, विवाह करूं तो वीरमदेव ना तो रहूंगी अखंड कुंवारी' अर्थात निकाह करूंगी तो वीरमदेव से नहीं तो अक्षत कुंवारी रहू...

कैसे बना था नाथद्वारा में श्रीनाथ जी का मंदिर औरंगजेब और श्रीनाथ जी का मंदिर नाथद्वारा और राणा राज सिंह

  औरंगजेब और श्रीनाथ जी का मंदिर नाथद्वारा और राणा राज सिंह जब पूरे भारत और राजस्थान में कहीं भी वृंदावन की श्रीनाथजी की मूर्ति लेकर आए पूजारियों को औरंगजेब के भय से किसी ने शरण नहीं दी तब राजस्थान के गौरव मेवाड़ के महाराणा राजसिंह ने पूजारियो को शरण दी और वृंदावन से लायी भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को नाथद्वारा राजस्थान में स्थापित करवाया और औरंगजेब को चेलेंज किया कि चाहे एक लाख हिन्दुओं को खून बहाना पड़े लेकिन भगवान श्री नाथ जी की मूर्तियां को आंच तक नहीं आने देंगे *कैसे बना था नाथद्वारा में श्रीनाथ जी का मंदिर।* *9 अप्रैल 1669 को* औरंगजेब ने हिंदू मंदिरों को तोड़ने के लिए आदेश जारी किया। अनेक मंदिरों की तोड़फोड़ के साथ वृंदावन में गोवर्धन के पास श्रीनाथ जी के मंदिर को तोड़ने का काम भी शुरू हो गया । इससे पहले कि श्रीनाथ जी की मूर्ति को कोई नुकसान पहुंचे, मंदिर के पुजारी दामोदर दास बैरागी ने मूर्ति को मंदिर से बाहर निकाल लिया। दामोदर दास बैरागी वल्लभ संप्रदाय के थे और वल्लभाचार्य के वंशज थे। उन्होंने बैलगाड़ी में श्रीनाथजी की मूर्ति को स्थापित किया और उसके बाद वह बूंदी, कोटा ,किशन...

पर्यायवाची शब्द

पर्यायवाची शब्द पर्यायवाची शब्द – पर्याय का सामान्य अर्थ होता हैं समान अर्थात समान अर्थ का बोध कराने वाले शब्द १ असुर = दनुज , निशाचर , सुरारि , राक्षस , दैत्य , दानव , रजनीचर , तमचर , यातुधान, इंद्रारि, दितिसुत , शुक्रशिष्य , देवारि २ अमृत = सुधा , पियूष , सोम , अमिय , मधु , अमी , सुरभोग , अमित , जीवन , जीवनोदक ३ अग्नि = आग , अनल , पावक , ज्वाला , कृशानु , वायुसखा , दहन , तपन , दव , शिखी , हरि ,हुताशन , जातवेद , पिंगल, शुचि, दाहक , वैश्वानर , वह्नि , वृत्रहा ४ कामदेव = मदन , मनोज, अनंग , रतिपति , पंचशर , मनसिज , मन्मथ , मकरध्वज , पुष्पधन्वा , रतिसखा , रतीश , मनोजात , parduman , कुसुमेष कदर्प , मार, मीनकेतु , शंबरारि , अदेह ५ अर्जुन = धनंजय , पार्थ , भारत , गांडीवधारी , कौन्तेय , गुडाकेश , सव्यसाची , ६ सूर्य = रवि , भानु , दिनकर , सविता , दिवाकर , दिनेश , भास्कर , प्रभाकर , आदित्य , मार्तण्ड, सूरज , अंशुमाली , अर्क , अरुण , विभाकर , छायापति , कर , खग , ग्रहपति कमलबंधु , कायनाथ , तपन , तरणि , दिन , दिनमणि , प्रभाकर , मरीचिमाली , सह्स्त्रांशु, विरोचन , निदाघकर अहर्पति , आफ़ताब , ...

The untold story of kalpna chawla ( जानिए भारत की महान अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की जीवनकथा )

तो चलिए आज हम आपको कथा सुनाते हैं भारत की बहादुर बेटी कल्पना चावला की जिसे एक अनहोनी ने धरती से मात्र 16 मिनट की दुरी पर  ही कल्पना चावला से कल्पना बना दिया   भारत के छोटे से शहर की बेटी कल्पना चावला का जन्म ही भारत और दुनिया को  एक नयी राह दिखाने के लिए हुआ था  , और ऐसे महान लोगों का जन्म  ही दुनिया को राह दिखाने के लिए होता हैं कल्पना ने पूरी दुनिया की लडकियों के सपनों को पंख लगा दिए और  माता पिता अपनी बेटियों में भी कल्पना चावला का सपना  देखने लगे  लेकिन इस पूरी घटना ने कल्पना चावला को कल्पना बना दिया ये  बात उस समय की हैं जब  नासा ने कल्पना और उनके छ साथियों को अन्तरिक्ष में एक मिशन पर भेज दिया जो कभी पूरा होने वाला नहीं  था हम उस मनहूस दुर्घटना के दिन 1 फरबरी 2003 की बात कर रहे हैं उस दिन जब कल्पना और उनके साथी धरती से मात्र 16 मिनट की दुरी पर थे यान था कोलम्बिया शटल  107 धरती से २ लाख फीट की ऊंचाई पर यान की स्पीड 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटा मात्र 16 मिनट बाद यान धरती पर पहुँचने ही वाला था अमेरिका में कल्पना चाव...

NVS Recruitment 2019 – Apply Online for 2370 POST LDC , TEACERS VACANCY NOTIFICATION OUT

  नवोदय विद्यालय शिक्षक क्लर्क भर्ती 2019 नवोदय में PGT , TGT शिक्षक और एलडीसी क्लर्क , स्टाफ नर्स और विभिन्न भर्तियों के ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये हैं अगर आप भी NVS में जॉब पाने के इच्छुक हैं तो पोस्ट को पूरा पढ़े और अंतिम तिथि से पहले आवेदन जरूर  कर दे NAME OF POST =  NVS PGT ,TGT, LDC , STAFF NURSE BHARTI  2019 NO OF POST =  2370  ASSISTANT COMMISSIONER   =  5 POST PGT    =  430 TGT   = 1154 OTHER TEACHERS =  564 POSTS LDC =  135 CATTERINGG ASSISTANT = 26 FEMALE STAFF NURSE =   55  LEGAL ASSISTANT        =   1 POST STARTING DATE OF ONLINE APPLICATION =  10 JULY  2019 LAST  DATE OF ONLINE APPLICATION  =  9 AUGUST 2019 CLOSING DATE OF DEPOSIT OF FEE = 12 AUGUST 2019 WRITTEN EXAM = SEPTEMBER MONTH  EDUCATIONAL QUALIFICATION   (1)  FOR PGT GROUP B  =...

The jaipur pink city of india Yuneshko पिंक सिटी जयपुर तीसरी बार युनेस्को को की विश्व धरोहर में शामिल ( सारे जगत में म्हारे प्रदेश रो नाम गूंज रहयो )

सारे जगत में म्हारे प्रदेश रो नाम गूंज रहयो हैं  सभी जयपुर और भारत वासियों को बहुत बहुत बधाई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विश्व विख्यात गुलाबी नगरी पिंक सिटी जयपुर का नाम तीसरी बार विश्व धरोहर सूची यूनेस्कों में शामिल किया गया है यह राजस्थान और हम सब जयपुर वासियों के लिए बहुत ही गौरव का दिन हैं भारत के सबसे खुबसूरत शहरों में शुमार जयपुर नगरी की अपनी एक अलग ही विशेष पहचान हैं देश के बड़े बड़े से व्यक्ति से लेकर हर छोटे से छोटे शक्श को यह नगरी बहुत ही भाति हैं प्रधानमंत्री मोदी को भी जयपुर शहर से बहुत ज्यादा लगाव हैं और इसी विशेष मोके पर उन्होंने जयपुर और राजस्थान वासियों को ट्विटर पर बधाई दी यहाँ तक की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी जयपुर वासियों को बहुत बहुत बधाई दी इस बार जयपुर की चारदीवारी परकोटे को युनेशकों की विश्व धरोहर में शामिल किया हैं जबकि इससे पहले दो बार आमेर और जंतर मंतर जयपुर को इस सूची में स्थान मिल चूका हैं तो यह भी हमारे लिए गौरव की बात हैं की हम तीसरी बार विश्व धरोहर में शामिल हुए हैं जयपुर शहर हमेशा...

जानिए महान सम्राट अशोक की शोर्य गाथा और अशोक और राजकुमारी कोर्वकी की कथा ( samrat ashok and korvaki )

चक्रवर्ती सम्राट अशोक की शौर्य गाथाओं से भारत का इतिहास भरा पड़ा हैं लेकिन अभी भी अधिकांश लोग इनके जीवन के बारे में नहीं जानते हैं इसलिए हमने इस टॉपिक को चुना हैं मौर्य वंश और भारत के सबसे शक्तिशाली शाशकों और सम्राटों की सूची में सम्राट अशोक का नाम शिखर पर हैं भारत को एक छत्र   में लाने  का श्रेय चंदरगुप्त मौर्य और आचार्य चाणक्य को जाता हैं लेकिन अपने दादा के साम्राज्य को विस्तृत रूप में अखंड भारत के रूप में स्थापित करने का श्रेय सम्राट अशोक को ही जाता हैं  उसका साम्राज्य मौर्य राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी तक तथा मैसूर , कर्नाटका तक तथा पूर्व में बंगाल के पश्चिम में अफगानिस्तान तक फैला हुआ था , इतना विस्तृत सम्राज्य का सम्राट होने के कारन ही सम्राट अशोक को चक्रवर्ती सम्राट के नाम से जाना जाता हैं  अशोक को प्रियदर्शी , देवनामप्रिय आदि नामों से जाना जाता हैं  शाशनकाल   304 से 232 ईशा पूर्व तक  सम्राट अशोक की माता का नाम रानी  धर्मा ( सुभद्रंगी  ) तथा पिता सम्राट बिन्दुसार...