तो चलिए आज हम आपको कथा सुनाते हैं भारत की बहादुर बेटी कल्पना चावला की जिसे एक अनहोनी ने धरती से मात्र 16 मिनट की दुरी पर ही कल्पना चावला से कल्पना बना दिया भारत के छोटे से शहर की बेटी कल्पना चावला का जन्म ही भारत और दुनिया को एक नयी राह दिखाने के लिए हुआ था , और ऐसे महान लोगों का जन्म ही दुनिया को राह दिखाने के लिए होता हैं कल्पना ने पूरी दुनिया की लडकियों के सपनों को पंख लगा दिए और माता पिता अपनी बेटियों में भी कल्पना चावला का सपना देखने लगे लेकिन इस पूरी घटना ने कल्पना चावला को कल्पना बना दिया ये बात उस समय की हैं जब नासा ने कल्पना और उनके छ साथियों को अन्तरिक्ष में एक मिशन पर भेज दिया जो कभी पूरा होने वाला नहीं था हम उस मनहूस दुर्घटना के दिन 1 फरबरी 2003 की बात कर रहे हैं उस दिन जब कल्पना और उनके साथी धरती से मात्र 16 मिनट की दुरी पर थे यान था कोलम्बिया शटल 107 धरती से २ लाख फीट की ऊंचाई पर यान की स्पीड 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटा मात्र 16 मिनट बाद यान धरती पर पहुँचने ही वाला था अमेरिका में कल्पना चाव...
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