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Showing posts from September, 2020

जालोर के युवराज वीरमदेव और फिरोजा की खूबसूरत सच्ची प्रेम कहानी

  अलाउद्दीन खिलजी की बेटी करती थी इस वीर राजकुमार से सच्ची मुहब्बत आज हम आपको एक ऐसे वीर राजकुमार और एक राजकुमारी की प्रेमकथा बताने जा रहे हैं तो राजस्थान में ही एक ऐसा योद्धा हुआ है, जिस पर अलाउद्दीन खिलजी की शहजादी मर मिटी थी। क्या यह प्रेम कहानी परवान चढ़ी या फिर इसका अंत हो गया इसे जानने के लिए पूरा पढ़े यह कहानी है जालौर के वीर राजपूत राजकुमार वीरमदेव की। वीरमदेव को मल्लयुद्ध में महारत हासिल थी और वह बहुत ही शूरवीर योद्धा था। उसकी प्रसिद्ध दूर दूर तक थी। मेवाड़ के पास ही जबालिपुर (वर्तमान जालौर) के सोनगरा चौहान शासक कान्हड़ देव का पुत्र वीरमदेव दिल्ली दरबार में रहता था। जब वह यहां रहता था तो अलाउद्दीन खिलजी की बेटी शहजादी फीरोजा को वीरम यानि वीरू से प्यार हो गया। वीरमदेव की शोहरत और व्यक्तित्व के बारे में सुनकर दिल्ली के तत्कालीन बादशाह अल्लाउद्दीन खिलजी की पुत्री शहजादी फिरोजा का दिल वीरम पर आ गया और शहजादी ने किसी भी कीमत पर उससे शादी करने की जिद पकड़ ली और कहने लगी, विवाह करूं तो वीरमदेव ना तो रहूंगी अखंड कुंवारी' अर्थात निकाह करूंगी तो वीरमदेव से नहीं तो अक्षत कुंवारी रहू...